MEDITATION:-
ध्यान कैसे करे ( मेडिटेशन ) HOW TO MEDITATE IN HINDI
मेडिटेशन ( ध्यान ) आजकल की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में सुकून की सबसे ज्यादा कमी है। इंसान रोज की इस भागदौड़ भरी ज़िंदगी में अपने लिए समय नहीं निकाल पाता है, इसलिए मन को शांत रखने के लिए ध्यान MEDITATION करना बहुत जरुरी सा हो गया है। अगर आपका दिमाग शांत रहेगा तो आपकी सारी परेशानियां भी जल्द से जल्द ख़तम हो जाएगी। और आप तनाव मुक्त महसूस करेंगे। और आपका दिमाग भी एक ही जगह स्धीर रहेगा। जिससे की आप अपने दिमाग को स्वस्थ रख सकते है। यही कारण है कि आज दुनिया 15 मई को विश्व मेडिटेशन दिवस ( WORLD MEDITATION ) के रूप में मनाया जाता है , यहाँ हम आपके साथ शेयर कर रहे है मेंडिटेशन से जुडी हर बाते व मैडिटेशन से होने वाले फायदे।
मेडिटेशन क्या हैं :-
कुछ लोग मेडिटेशन को योग की तरह ही समझते है लेकिन आपको बता दे कि दोनों में काफी अंतर है योग शरीर की कसरत है और मेडिटेशन दिमाग की कसरत है मेडिटेशन का अर्थ हेते है। एकाग्र भाव से ध्यान लगाना , जिसका उद्देश्य मनुष्य के मन को शांत करना है।जिससे इंसान अपने मन को चेतना की एक विशेश अवस्था में लाने की कोशीश करता है। जो हमारी ज़िन्दगी में खुशहाली लाती है। मेडिटेशन लोग आज ही से नहीं बल्कि आदि काल से कर रहे है। आप माहत्मा बुद्ध , स्वामी विवेकानंद आप इनसे अच्छी तरह से वाकिफ हो ये ध्यान (मेडिटेशन) करते थे और ज्ञान की प्रप्ति करते थे। और अपने मन में शांति लाते थे।
सहज़ योग मेडिटेशन:-
सहज़ योग का अर्थ होता है 'सह+ज' अर्थात (आपके साथ जन्मा हुआ) योग से तात्पर्य जुड़ना या मिलन है जिससे की मनुष्य का सम्बन्ध परमात्मा से हो सकता है, इस तरह का
मेडिटेशन आत्मजागरूकता पैदा करने के लिए किया जाता है। इसे करने से मनुष्य खुद को परमात्मा से जुड़ा हुआ महसूस करता है।
विपश्यना ध्यान:-
इस तरह के मेडिटेशन के जरिए इंसान खुद को नकारात्मकता की और ले जाता है ये ध्यान की सबसे महत्वपूर्ण विधि है इसे करने से मानसिक विकास तेजी से होता है इस प्रक्रिया में सास का का उपयोग किया जाता है।विपश्यना ध्यान उन लोगों के लिए अति आवश्यक है जो हमेशा कन्फ्युज रहते है। या फिर जिनका मार्गदशन करने वाला कोई नहीं होता है। या हो अकेले रहते है उन लोगो के लिए मेडिटेशन बहुत जरुरी है।
त्राटक ध्यान:-
त्राटक जिसे केंद्रित ध्यान भी कहते है, त्राटक में पांचो इन्द्रियों में से किसी भी एक का उपयोग करते हुए एकाग्रता लाने की कोशिश की जाती है। इस प्रकिया में लौ, मोमबत्ती या फिर लेम्प के फोकस पॉइंट की तरफ ध्यान केंद्रित किया जाता है। इसे करने से ध्यान केंद्रित करने की छमता बढ़ती है। व मन एकाग्र रहता है।
थर्ड आई ध्यान:-
हम तीसरी आँख को जाग्रत करने के लिए किया जाने वाला ध्यान की बात कर रहे है।भगवान शिव की तरह तीसरा नेत्र हम सब के पास होता है लेकिन नज़र नहीं आता है। तीसरी आँख जब आभास जब होता है जब हमारा मन शांत और स्थिर रहता है। ऐसा तब होता है जब हमारा मन ध्यान की अवस्था में होता है। इस मेडिटेशन को करने का मुख्य उद्देश्य् हमारी तीसरी आँख को जाग्रत करना है जिससे की हमारे शरीर में पर्याप्त ऊर्जा का सन्चार करना है।
ध्यान कैसे करे:-
मेडिटेशन के लिए आपको शांत स्थान की जरुरत होती है।जहां किसी भी तरह का शोर न हो इसलिये आप शांत स्थान चुने।
मेडिटेशन के लिए सही स्थान के साथ - साथ सही समय भी चुनना जरुरी है। ज्यादातर लोग सुबह - सुबह मेडिटेशन करते है। जो की काफी अच्छा है।
मेडिटेशन करने से पहले अपने शरीर को 1,2 मिनट तक स्ट्रेच करे। ताकि ध्यान करते वक्त आपको बैठने में किसी तरह की दिक्कत न हो।
मेडिटेशन शुरू करे और चौकडी लगा के बैठे व कमर सीधी करके बैठे। क्योंकि ध्यान की यहाँ अवस्था साही मानी जाती है। सीने को चौडा रखे और सीधे बैठे, और अपना सिर सीधा रखे और आँखे बंद करके रखे।
मेडिटेशन करते समय श्वास को धीरे -धीरे ले और धीरे - धीरे छोड़े, ध्यान अपनी स्वांस पर रखे। और अपने दिमाग में किसी भी तरह की फालतू विचार न आने दे। खुद को एकाग्र करने की कोशिश करते रहे शुरू में थोड़ा कठिन लगेगा पर आप कुछ ही दिनों में ध्यान में एकाग्र होना सीख जाएंगे।
मेडिटेशन के फायदे:-
मेडिटेशन करने से तनाव दूर होता है, मन ख़ुश रहता है, हमारे ग़ुस्से में कमी आती है। बेदाग और निखरी त्वचा बनी रहती है।
दिन की सुरवात अच्छी होती है मन प्रसन्न रहता है। सकारात्मक ऊर्जा का विकास होता है।
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